कलेक्टर ने जारी किया नोटिस:महाकाल मंदिर में हंगामे के मामले में प्रशासक सहित तीन से मांगा जवाब

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति प्रशासक सहित तीन कर्मचारियों को कलेक्टर ने नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। इन पर ये कार्रवाई 10 अगस्त को मंदिर में हुए हंगामे को लेकर की है। इस दिन महाकाल दर्शन के लिए पहुंचे भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ आए कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते हुए बैरिकेडिंग लांघकर नंदीगृह में प्रवेश किया था। इससे मंदिर में अराजकता की स्थिति बनी थी, जिसका उल्लेख नोटिस में भी किया गया है।

भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या 10 अगस्त सुबह जब मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे तो साथ में मोर्चा के कई पदाधिकारी-कार्यकर्ता भी साथ में थे। तब इन्होंने जमकर हंगामा कर यहां लगे बैरिकेड्स लांघकर जबरन नंदी हाॅल में प्रवेश किया था। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था।

अब तक मामले में यह कार्रवाई

  • मंदिर समिति की शिकायत पर मोर्चा के दो कार्यकर्ताओं के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण महाकाल थाने में दर्ज किया था।
  • घटना के दो दिन बाद ही भाजपा संगठन ने मोर्चा के नगराध्यक्ष अमय शर्मा और जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह जलवा सहित 18 पदाधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था।
  • अब महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह ने समिति प्रशासक गणेशकुमार धाकड़, सहायक प्रशासक लोकेश चौहान और समिति के प्रोटोकॉल कर्मचारी राजेंद्र सिसौदिया को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया है।

धाकड़ के नोटिस में लिखा- आपकी लापरवाही सामने आई है
प्रशासक धाकड़ को जारी नोटिस में लिखा है कि मंदिर की आंतरिक व्यवस्था सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों तथा संगठनों के दर्शन, सत्कार सहित गर्भगृह नंदी हाॅल आदि में प्रवेश की अनुमति के लिए आपको अधिकृत किया गया है। .

आपको उक्त अतिथि के दर्शन के लिए जानकारी होने के बावजूद भी व्यवस्थाओं तथा प्रवेश को लेकर स्पष्टता का अभाव पाया गया। जो आपके द्वारा प्रशासकीय दायित्वों के प्रति आपकी लापरवाही प्रदर्शित करता है। इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण 3 दिन में प्रस्तुत करें अन्यथा यथोचित कार्रवाई की जाएगी।

श्रद्धालु ने रुपए लेकर दर्शन कराने की शिकायत की, शीघ्र प्रवेश द्वार निरीक्षक रठा निलंबित

महाकाल मंदिर में रुपए लेकर दर्शन कराने का एक और मामला बुधवार को सामने आया। एक श्रद्धालु ने ही रुपए लेकर दर्शन कराने की शिकायत मंदिर प्रशासन से की। मंदिर प्रशासक के अनुसार शिकायत के संबंध में सीसीटीवी फुटेज देखने के दौरान प्रथम दृष्टया कर्तव्यरत निरीक्षक प्रदीप रठा की लापरवाही सामने आई।

इसके बाद प्रशासक ने कार्रवाई करते हुए मंदिर अधिनियम 1982 की धारा 18 (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शीघ्र दर्शन द्वार निरीक्षक प्रदीप रठा को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। रठा को निलंबन अवधि में भुगतान प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी। वहीं सुरक्षा एजेंसी के मैनेजर को भी कर्तव्यरत सुरक्षाकर्मी अजयसिंह राजपूत आैर शिवनारायण की सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

Leave a Comment